उदयपुर को पूरी दुनिया झीलों के शहर के नाम से जानती है और जाने भी क्यू ना ये शहर है बेहद खूबसूरत। मगर यहां सिर्फ झीलें ही खुबसूरत नहीं है बाल्की यहां का हर कोना भारत में सुप्रसिद्ध पर्यटन गंतव्यों में आता है। उसका कारण है ये मनमोहक शहर जो कि अरावली की पहाड़ियों से घिरा हुआ है।
बरसात के मौसम में यहां की हरियाली आपका मन मोह लेगी। जहां शहर में एक तरफ आप हिंदू रीति रिवाज और गलियारे मिलेंगे जो कई सालों से अपनी धरोहर समेटे हुए हैं। वहीं एक तरफ महल,तालाब और विख्यात मंदिर मिलेंगे जो मेवाड के राजा महाराजा द्वारा बनाए गए हैं।
शहर से कुछ दूर चलते ही आपको बेहद सुंदर बांध,झरने,नहरें और नदियां मिलती हैं। हर दस किलोमीटर में आपको यहां झरना या बांध मिलेगा जिसकी वजह से उदयपुर एक ऐसा पर्यटन स्थल बन गया है कि हर कोई यहां कि चारुता देखने के लिए खिंचा चला आता है। इसलिए आज हम आपको उदयपुर की झीलों से वाकिफ कराएंगे जो इस बारिश में आपको प्रफुल्लित कर देंगे।
आपको ट्रैकिंग का शौक हो या जंगल सफारी का,आप केलेश्वर महादेव मंदिर चले आइए। यहां हरियाली और ऊंची पहाड़ियों के मध्य एक बहुत ही सुंदर प्राकृतिक झरना बहता है,जिसकी गोद में स्वयं महादेव जी स्थापित हैं। हल्की बरसात में ठंडी हवाओं के बीच ये दृश्य और मनोरम हो जाता है।
पता– केलेश्वर महादेव, बोराव का खेड़ा, राजस्थान।
कैसे पहुंचे- यहाँ आप टैक्सी या बस से पहुँच सकते हैं। ये 32 किलोमीटर दूर है उदयपुर रेलवे स्टेशन से, यहां से आपको बस या टैक्सी मिल जाएगी, परंतु प्राइवेट टैक्सी लेना ज्यादा बेहतर है।
समय– 24 घंटे
क्या उम्मीद करें- यहां बारिश के मौसम में हर तरफ झरियाली और शांति का परिवर्तन रहता है। यहाँ आकर आप अपने दोस्तों या परिवार के साथ बहुत अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं।
निकटवर्ती स्थान– कालीवास
ये एक शांत जगह है जो उदयपुर से 15 किलोमीटर दूर है।
आप अगर नाथद्वार आए हैं तो यहां जरूर जाएं क्योंकि ये बेहद नजदीक है। हा लेकिन सावधान जरूर बरतियेगा क्यूकी मानसून में पत्थर काफी चिकने रहते हैं।
पता– थूर की पाल, उदयपुर, राजस्थान।
कैसे पहुंचे– ये 16 किलोमीटर दूर है उदयपुर रेलवे स्टेशन से, यहाँ आप टैक्सी या बस से पहुँच सकते हैं।
समय- 24 घंटे
क्या उम्मीद करें– यह छात्रों और परिवारों के बीच एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, एक छोटे से गाँव में एक छोटा झरना देखकर आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे।
निकटवर्ती स्थान– नाथद्वार
उबेश्वर महादेव जी एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर हैं। अरावली की पहाड़ियों के मध्य यह मंदिर केवल 45 मिनट की दूरी पर स्थित है।
यहां एक छोटा सा तालाब है जिसको गंगू तालाब के नाम से जाना जाता है। हाँ, आप नहा सकते हैं या तैर सकते हैं। इस जगह की सबसे अच्छी बात यह है कि यहां पहुंचने का रास्ता मनोहर है, झरने, हरियाली और पहाड़ियां सब इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं।
आप जैसे ही नज़दीक आते हैं आपको मंदिर की घंटियों की आवाज़ सुनायी देने लगती है। यहां जाने के पूर्व बस एक बात का ध्यान रखें कि शोर ना मचाए क्योंकि ये एक धार्मिक स्थल है।
पता– उबेश्वर महादेव मंदिर रोड, कुंडल उबेश्वरजी, राजस्थान
कैसे पहुंचे– उबेश्वरजी करीब 21 किलोमीटर दूर है उदयपुर शहर से। आप यहां कार, बस या टैक्सी से आसानी से पहुंच सकते हैं।
समय– 24 घंटे
क्या उम्मीद करें– बरसात का मौसम सबसे अच्छा है यहां अपने परिवार और दोस्तों के साथ आने के लिए। क्योंकि आप बूंदाबांदी के साथ घुमड़ते बादलों का अनुभव करते हैं जो मंत्रमुग्ध कर देने वाला लगता है।
निकटवर्ती स्थान– पिछोला झील, बड़ी झील, फतेह सागर झील आदि।
टिंडी बांध झरना उदयपुर से 35 किमी दूर अरावली पहाड़ों के बीच स्थित है। ये झरना हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा सन् 1976 में बनवाया गया था।
यहां आने पर आपको प्राकृतिक सुंदरता का आनंद मिलता है। परंतु आपको यहां काफी ध्यान से चलना होगा क्योंकि यहां के पत्थर काफी चिकने हैं।
पता– टिंडी बांध,राजस्थान
कैसे पहुंचे– उदयपुर से टीडी बांध 35 किमी दूर है। आप यहां लगभाग एक घंटे में कार से पहुंच जाएंगे।
समय– 24 घंटे
क्या उम्मीद करें– बरसात का मौसम सबसे अच्छा है यहां अपने दोस्तों के साथ आने के लिए। अपना खाना लेके आये और यहाँ की ख़ूबसूरती का आनंद ले। एक दिन की आउटिंग के लिए ये जगह सबसे बेहतर है।
झामेश्वर जी जामाकोटरा केवल 25 किमी दूर है उदयपुर से। जो भी व्यक्ति उदयपुर आता है श्रवण माहीने में झमेश्वर महादेव जी जरूर आता है। ये जगह फॉस्फेट चट्टानों की वजह से पहचान है।
करीब 600 साल पुराना ये मंदिर गुफ़ाओं में स्थित है। जिसके ऊपर माता कालका का मंदिर है जो कि महाराणा उदय सिंह जी ने बनाया था। जो बहुत ही मनमोहक है। यहाँ आस-पास यही चट्टनें है जो ट्रेक के लिए बहुत अच्छा है।
पता– झामेश्वरजी झरना, झामर कोटड़ा, राजस्थान।
कैसे पहुंचे– उदयपुर से 50 मिनट की दूरी यह मंदिर स्थित है। आप अपनी निजी कार या टैक्सी से यहां तक पहुंच सकते हैं।
समय– 24 घंटे
क्या उम्मीद करें– आप यहां आके ना केवल भगवान शिव की दिव्यता को महशूस करेंगे बल्कि अपने इंस्टाग्राम के लिए बहुत अच्छी यादें भी लेके जाएंगे।
नंदेश्वर जी महादेव को कौन नहीं जानता। ये मंदिर उदयपुर से 15 किलोमीटर की दूरी पर है। मंदिर सफेद संगमरमर का बना हुआ बारिश में अतिंत मनहोर लगता है।
यहां का प्राकृतिक झरना जब चट्टानों के बीच में से गुजरता है तो लावण्या लगता है। ये जगह शहर के शोर शराबे से दूर है, यहां की शांति आपको यहां से जाने नहीं देती।
यहां पास ही में राम, जानकी और लक्ष्मण कुंड हैं जहां मान्यता है कि सिक्का तालाब डालने पर अगर वो वहां की सबसे बड़ी चट्टान को छू लेता है तो, जो भी इंसान मन से मुराद मांगता है वो पूरी होती है।
ये जगह सिर्फ मंदिर के लिए ही नहीं बल्कि यहां के झरने और विविध प्रकार के जलीय पौधों के लिए जानी जाती है। यहां आप पिकनिक मना सकते हैं या एक दिन की सैर के लिए आ सकते हैं।
पता-राज्य राजमार्ग 50, चौरखिया, राजस्थान।
कैसे पहुंचे– अंबामाता सर्कल से, रामपुरा सर्कल के लिए सीधी सड़क लें और सीधे जाएं। आप 15 मिनट की ड्राइव के भीतर अपने गंतव्य पर पहुंच जाएंगे।
समय– 24 घंटे
क्या उम्मीद करें– रामपुरा सर्कल से,नंदेश्वर महादेव मंदिर तक की यात्रा मंत्रमुग्ध करने वाली है, हरियाली,राजमार्ग सड़क और कुछ आकर्षक फार्म हाउस इसे एक यादगार यात्रा बनाते हैं।
मेनल झरना आने के बाद आप भूल जाएंगे कि आप राजस्थान में हैं। ये झरना उदयपुर से 150 किमी दूर है, कोटा से करीब 85 किमी दूर है। आप यहां कोटा से भी आ सकते हैं। ये एक प्राकृतिक झरना है जो मानव निर्मित नहीं है।
ये झरना करीब 150 फीट ऊंचा है जो मेनाल नदी में जाकर मिलता है। ये दो छोटी नदियों को जोड़ता है- बनास और बढ़च। ये प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जिसका कारण यहां मानसून में भारी भीड़ उमड़ी रहती है।
पता– मेनल झरना, राजस्थान।
कैसे पहुंचे– मंदिर के एक छोटे से गेट को पार करने के बाद आप मेनाल झरना देख सकते हैं। सुरक्षा के लिए एक सीमा बनाई गई है, इसे पार न करें। ऊपर पहुंचने के लिए एक पतली सी सीढ़ी का अनुसरण करें, आप यहां तैर सकते हैं और आनंद ले सकते हैं लेकिन सुरक्षित रहें।
समय– 24 घंटे
क्या उम्मीद करें– खूबसूरती के साथ-साथ मेनाल झरने के पास कई मंदिर भी हैं जो पर्यटकों का पसंदीदा स्थान है। पक्षियों को देखने और ट्रैकिंग के लिए आप वन क्षेत्र की ओर जा सकते हैं।
निकटवर्ती स्थान- मेनाल हनुमान मंदिर, पक्षी अभयारण्य, देव नारायण मंदिर, जोगणिया माता मंदिर आदि।
राजसमंद के बांस नदी पर बना हुआ ये बाघेरी बांध एक पर्यटक स्थल है जो कि पानी की आपूर्ति के लिए बनाया गया था।
यहां चारो माहीन जल सितारा बढ़ा हुआ रहता है इसलिए आप यहां कभी भी आ सकते हैं। पर बरसात में यहां पे कोयले पे सिके हुए भुट्टे और चाय पकौड़ी खाने का मजा ही कुछ और है।
पता– राजसमंद, राजस्थान।
कैसे पहुंचे– यहां पहुंचने के लिए उदयपुर या फिर नाथद्वारा से टैक्सी या बस ले सकते हैं।
समय– 24 घंटे
क्या उम्मीद करें– यहाँ ज़्यादातार परिवार पिकनिक मनाने आते हैं। झरने के आला लोग आपको नहाते और खेलते मिल जायेंगे। यहां पुलिस वाले भी सुरक्षा के लिए खड़े रहते हैं।
⦁ मानसून में अपने साथ छाता, खाना, जरूरी दवाएं और अतिरिक्त कपड़े जरूर लेके जाएं क्योंकि कुछ जगहें ऐसी हैं जहां आपको कोई भी रेस्तरां नहीं मिलेगा।
⦁ आपकी सुरक्षा आपके हाथ में है इसलिए गहरे पानी में ना जाए।
⦁ गैर फिसलन जूते जरूर पहिने।
⦁ बच्चों पे नज़र रखे।
थोड़ी सी असावधानी आपको मुश्किल में डाल सकती हैं क्योंकि फिसलन वाली जगहें पे ना जाएं। सुरक्षित रहे।
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